याँदे
बस याँदे रह गई हैं उन
पुराने दिनो की
उस पुराने स्कूल की
उस घंटी की जो हर आधे
घंटे बाद बजती थी
उस टीचर की जिसकी क्लास
कभी मिस नहीं की।
याद आता हैं मेरा वो
कॅालेज
जहाँ सब यार दोस्त साथ
थे
जहाँ जि़न्दगी थम सी गई थी
जहाँ रात में सूरज और
दिन में चाँद निकलता था।
काश वो स्कूल कॅालेज के
दिन वापस आ जाये
काश सारे यार दोस्त एक
साथ एक जगह फिर से रह पाए
काश की एक बार जि़न्दगी
फिर से थम जाए।
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